Friday, May 14, 2010

लाल ज़मीं ?? (नज़्म)















ग़ाहे बगाहे मुझे याद आता है
मेरी ग़लती
पर
मास्टरजी ने बताया था,
"ज़मीं का रंग लाल नहीं होता"

आज यहाँ चौराहे पर
गांधीजी के क़दमों में
लगा है लाशों का ढेर
और मैं वहाँ ज़मीं को कुरेद कर
उसका वही असली रंग ढूँढ रहा हूँ
जो अभी लाल हुआ पड़ा है