Thursday, March 29, 2012

रूहें कुछ सपनों की



खुरच के देखो
गुज़रे वक़्त को,
कुछ लाशें मिलेंगी ख़्वाबों की,
रूहें इनकी-
कुछ सवाल करती हैं,
जिनका कोई जवाब नहीं
बस
एक मायूस दिल है..
ये रूहें गुज़रे ख़्वाबों की-
सताती रहेंगी,
जब तलक
मेरी रूह भी
इनमें मिल नहीं जाती..

Sunday, March 25, 2012

कुछ ख़याल जो छूट गए..

!! कभी दिल में तमन्ना हो
   तो आ जाना मेरे दुश्मन,
   किसी बेगाने मंज़र में
   गिले शिक़वे भुला लेंगे !!

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!! मेरा मौला वहीँ रहता
   जहाँ दिल साफ़ बसते हैं,
   वो इंसानी फ़रिश्ते जो 
   ज़ुबां से साज़ लिखते हैं !!

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!! वो हर पल बात करते हैं
    मेरे दिल को जलाने की,
    ना उनको इल्म है इतना
    ये दिल आंसू बहाता है !!

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